भगवान बालाजी आरती

भगवान बालाजी आरती

॥ श्री बालाजी आरती ॥

ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा।

संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा॥

ॐ जय हनुमत वीरा...॥

पवन-पुत्र-अंजनी-सुत महिमा अति भारी।

दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सब हारी॥

ॐ जय हनुमत वीरा...॥

बाल समय में तुमने रवि को भक्ष लियो।

देवन स्तुति कीन्ही तब ही छोड़ दियो॥

ॐ जय हनुमत वीरा...॥

कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई।

बाली बली मराय कपीसहिं गद्दी दिलवाई॥

ॐ जय हनुमत वीरा...॥

जारि लंक को ले सिय की सुधि वानर हर्षाये।

कारज कठिन सुधारे रघुवर मन भाये॥

ॐ जय हनुमत वीरा...॥

शक्ति लगी लक्ष्मण के भारी सोच भयो।

लाय संजीवन बूटी दुःख सब दूर कियो॥

ॐ जय हनुमत वीरा...॥

ले पाताल अहिरावण जबहि पैठि गयो।

ताहि मारि प्रभु लाये जय जयकार भयो॥

ॐ जय हनुमत वीरा...॥

घाटे मेहंदीपुर में शोभित दर्शन अति भारी।

मंगल और शनिश्चर मेला है जारी॥

ॐ जय हनुमत वीरा...॥

श्री बालाजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत इन्द्र हर्षित मन वांछित फल पावे॥

ॐ जय हनुमत वीरा...॥

आज का ज्योतिषीय विचार

“कर्म और ग्रह दोनों जीवन को गढ़ते हैं।”

— पंडित जगन्नाथ