विवाह के लिए कुंडली मिलान और गुण मिलान
क्या आप शादी के लिए सही जीवनसाथी की तलाश में हैं? वैदिक ज्योतिष में, विवाह से पहले वर और वधू की कुंडली का मिलान करना एक अनिवार्य परंपरा है। यह प्रक्रिया, जिसे गुण मिलान भी कहते हैं, दो लोगों के बीच की अनुकूलता को जांचती है। हमारा यह लेख आपको बताएगा कि कुंडली मिलान कैसे किया जाता है, 36 गुण क्या होते हैं और यह आपके भविष्य के वैवाहिक जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।
आज का ज्योतिषीय विचार
“कर्म और ग्रह दोनों जीवन को गढ़ते हैं।”
कुंडली मिलान क्या है?
कुंडली मिलान या गुण मिलान वैदिक ज्योतिष की प्राचीन परंपरा है, जिसका उपयोग विवाह से पहले वर और कन्या की अनुकूलता जानने के लिए किया जाता है। हिंदू धर्म में विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि दो परिवारों का पवित्र मिलन माना जाता है। इसलिए विवाह से पहले कुंडली मिलान का विशेष महत्व है।
अष्टकूट गुण मिलान
गुण मिलान को अष्टकूट मिलान भी कहा जाता है। इसमें 36 गुणों के आधार पर वर और कन्या की कुंडलियों का मिलान किया जाता है। ये आठ कूट निम्नलिखित हैं:
- वर्ण – 1 अंक
- वश्य – 2 अंक
- तारा – 3 अंक
- योनि – 4 अंक
- ग्रह मैत्री – 5 अंक
- गण – 6 अंक
- राशि/भकूट – 7 अंक
- नाड़ी – 8 अंक
कुल मिलाकर 36 अंकों का यह गणित वर और कन्या की वैवाहिक अनुकूलता तय करता है।
गुण मिलान का परिणाम
- 0 से 17 गुण – विवाह के लिए अशुभ
- 18 से 24 गुण – औसत, स्वीकार्य
- 25 से 32 गुण – बहुत अच्छा मेल
- 33 से 36 गुण – उत्तम और आदर्श मेल
मंगल दोष और कुंडली मिलान
कुंडली मिलान का एक महत्वपूर्ण पहलू मंगल दोष भी है। यदि किसी की कुंडली में मंगल दोष है तो विवाह में बाधाएँ और कलह हो सकती हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसके उपाय बताए गए हैं, जिससे दोष को कम किया जा सकता है और विवाह को सफल बनाया जा सकता है।
क्यों ज़रूरी है कुंडली मिलान?
- वर और कन्या की आपसी अनुकूलता जानने के लिए
- वैवाहिक जीवन में स्थिरता और सुख-संपत्ति हेतु
- संभावित दोषों और उनके उपाय जानने के लिए
- वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और दीर्घायु संबंध सुनिश्चित करने के लिए
कुंडली मिलान के आधुनिक लाभ
आज के समय में ऑनलाइन कुंडली मिलान भी उपलब्ध है। केवल नाम और जन्मतिथि से विवाह अनुकूलता जानी जा सकती है। यह सुविधा समय और मेहनत दोनों बचाती है और सटीक परिणाम प्रदान करती है।
निष्कर्ष
कुंडली मिलान विवाह का आधार स्तंभ है। अष्टकूट गुण मिलान और मंगल दोष का अध्ययन करके विवाह को सुखद और सफल बनाया जा सकता है। यदि आप विवाह की योजना बना रहे हैं तो अपनी कुंडली अवश्य मिलवाएँ और जीवनसाथी की संगति की पुष्टि करें।