माघ गुप्त नवरात्रि क्या है?
माघ गुप्त नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित एक पर्व है, जिसे गुप्त नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह नौ दिनों तक चलता है और आमतौर पर जनवरी या फरवरी के महीने में पड़ता है। एक वर्ष में चार नवरात्रि आती हैं - चैत्र, शारदीय, और दो गुप्त नवरात्रि (माघ और आषाढ़)। माघ गुप्त नवरात्रि को उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दौरान माता रानी की विधिवत पूजा करते हैं, उन्हें सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत गुप्त तरीके से मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रखा जाता है और इसका महत्व तांत्रिक साधनाओं में बहुत अधिक होता है।
माघ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि (Magh Gupt Navratri 2025 Puja Vidhi)
माघ गुप्त नवरात्रि में देवी की पूजा बहुत ही श्रद्धा और समर्पण भाव से की जाती है। यदि आप यह व्रत रखना चाहते हैं, तो इन चरणों का पालन करें:
- सुबह स्नान करें: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और पूजा घर की अच्छी तरह से सफाई करें।
- कलश स्थापना: शुभ मुहूर्त के अनुसार एक वेदी पर देवी की प्रतिमा स्थापित करें और कलश स्थापित करें।
- दीपक जलाएं और भोग लगाएं: देसी घी का दीपक जलाएं और देवी को गुड़हल के फूलों की माला, सिंदूर, पंचामृत, नारियल, चुनरी, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- पूजा सामग्री: पूजा से पहले ही सभी सामग्री जैसे मां दुर्गा की फोटो, लाल चुनरी, श्रृंगार सामग्री, दुर्गा सप्तशती की किताब, गंगाजल, आम की पत्तियां, चंदन, नारियल, कपूर, जौ के बीज आदि एकत्रित कर लें।
- तामसिक भोजन से बचें: इस पवित्र अवधि में तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन, मांसाहार) से दूर रहें।
- आरती और क्षमा याचना: पूजा का समापन माता की आरती के साथ करें और अंत में किसी भी भूल के लिए उनसे क्षमा मांगें।
गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि का व्रत बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन इसके बारे में जानकारी बहुत कम लोगों को होती है। जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं, वे नौ दिनों और नौ रातों तक कठिन उपवास रखते हैं और पूर्ण समर्पण भाव से देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। यह नवरात्रि तंत्र साधना और वशीकरण जैसी क्रियाओं में विश्वास रखने वालों के लिए बहुत खास होती है।