हिन्दू कैलेंडर से जानें सभी त्योहारों की सटीक जानकारी
भारत में कई धर्मों और संप्रदायों के लोग रहते हैं, और हर धर्म के अपने पर्व-त्योहार होते हैं। अक्सर हम इन पर्वों की सही तारीख को लेकर असमंजस में रहते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए, हम आपके लिए लेकर आए हैं हिन्दू कैलेंडर 2025। यह कैलेंडर आपको साल भर के सभी प्रमुख व्रत, त्योहार, और छुट्टियों की सटीक जानकारी एक ही जगह पर देता है, जिससे आप अपनी योजनाओं को बेहतर ढंग से बना सकते हैं।
हिन्दू कैलेंडर के महीनों के नाम
हिन्दू कैलेंडर भी अंग्रेजी कैलेंडर की तरह 12 महीनों और लगभग 365 दिनों का होता है। हालांकि, इसमें महीनों के नाम अलग होते हैं। हिन्दू कैलेंडर की शुरुआत चैत्र महीने से होती है और इसका आखिरी महीना फाल्गुन है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार 12 महीनों के नाम इस प्रकार हैं:
- चैत्र
- वैशाख
- ज्येष्ठ
- आषाढ़
- श्रावण
- भाद्र (भाद्रपद)
- आश्विन
- कार्तिक
- अग्रहायण (अगहन)
- पौष
- माघ
- फाल्गुन
हिन्दू कैलेंडर की शुरुआत कब और कैसे हुई?
विक्रम संवत या हिन्दू कैलेंडर की शुरुआत 58 ई.पू. में सम्राट विक्रमादित्य ने की थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मा पुराण में कहा गया है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन से ब्रह्मांड की रचना शुरू की थी। यही कारण है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही हिन्दू नववर्ष का आरंभ होता है। यह कैलेंडर न केवल महीनों, बल्कि 7 दिन के एक सप्ताह की शुरुआत को भी निर्धारित करता है।
हिन्दू धर्म में दिन कब बदलता है?
जहां पश्चिमी कैलेंडर में रात 12 बजे से नए दिन की शुरुआत मानी जाती है, वहीं हिन्दू कैलेंडर के अनुसार दिन की शुरुआत सूर्योदय के साथ होती है। सूर्यास्त के बाद रात्रि होती है, और जब नया सूर्योदय होता है, तभी एक दिन का चक्र पूरा होता है। यह गणना वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण मानी जाती है।
हिन्दू कैलेंडर की संरचना
हिन्दू कैलेंडर में 12 महीने होते हैं, और प्रत्येक महीने को दो खंडों में बांटा गया है, जिन्हें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष कहते हैं। हर पक्ष में 15 दिन होते हैं। यह विभाजन चंद्रमा की कलाओं पर आधारित होता है और सभी धार्मिक कार्यों के लिए इन पक्षों का विशेष महत्व होता है।