ग्रहों की स्थिति: ज्योतिष में ग्रहों की चाल और उनका महत्व

ग्रहों की स्थिति ज्योतिष का आधार है, जो किसी भी समय और स्थान पर खगोलीय पिंडों (ग्रहों और तारों) की व्यवस्था को दर्शाती है। यह स्थिति हमें बताती है कि आज चंद्रमा, मंगल, शनि या अन्य ग्रह किस राशि में हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, इन स्थितियों का अध्ययन करके किसी व्यक्ति के जीवन, व्यक्तित्व और भविष्य पर पड़ने वाले प्रभावों को समझा जा सकता है। आइए, इस लेख में हम ग्रहों की स्थिति के महत्व, प्रकार और आपके जीवन पर उनके प्रभाव के बारे में जानते हैं।

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गुरुवार, नवंबर 06, 2025

ग्रह राशि राशि डिग्री भाव पूर्ण डिग्री राशि स्वामी
सूर्य कन्या 14° 36' 7 164.603° बुध
चंद्र मीन 4° 8' 12 334.14° गुरु
बुध कन्या 8° 30' 6 158.504° बुध
शुक्र सिंह 14° 44' 6 134.735° सूर्य
मंगल तुला 19° 48' 7 199.801° शुक्र
गुरु कर्क 18° 54' 5 108.915° चंद्र
शनि मीन 29° 35' 1 359.598° गुरु
यूरेनस मिथुन 1° 27' 3 61.463° बुध
नेपच्यून मेष 1° 12' 1 1.209° मंगल
प्लूटो कुंभ 1° 40' 11 301.676° शनि
लग्न मीन 9° 6' 1 339.105° गुरु
राहु मीन 18° 20' 1 348.335° गुरु
केतु कन्या 18° 20' 7 168.335° बुध
लिलिथ वृश्चिक 18° 16' 8 228.27° मंगल
काइरॉन मेष 26° 32' 2 26.539° मंगल

major aspects

  • सूर्य संयोजन बुध (☉︎ ☌☿)
  • चंद्र विरोध बुध (☽ ☍☿)
  • चंद्र वर्ग यूरेनस (☽ ♅)
  • बुध वर्ग यूरेनस (☿ ♅)
  • मंगल वर्ग गुरु (♂ ♃)
  • मंगल विरोध काइरॉन (♂ ☍⚷)
  • गुरु वर्ग काइरॉन (♃ ⚷)
  • शनि षट्कोण यूरेनस (♄ ⚹♅)
  • शनि संयोजन नेपच्यून (♄ ☌♆)
  • शनि षट्कोण प्लूटो (♄ ⚹♇)
  • यूरेनस षट्कोण नेपच्यून (♅ ⚹♆)
  • यूरेनस त्रिकोण प्लूटो (♅ △♇)
  • नेपच्यून षट्कोण प्लूटो (♆ ⚹♇)
  • प्लूटो वर्ग काइरॉन (♇ ⚷)

minor aspects

  • सूर्य वर्ग शुक्र (☉︎ ♀)
  • चंद्र वर्ग मंगल (☽ ♂)
  • चंद्र वर्ग गुरु (☽ ♃)
  • बुध वर्ग प्लूटो (☿ ♇)
  • शुक्र वर्ग शनि (♀ ♄)
  • शुक्र वर्ग यूरेनस (♀ ♅)
  • शुक्र वर्ग नेपच्यून (♀ ♆)

object aspects

  • सूर्य वर्ग लग्न (☉︎ A)
  • सूर्य वर्ग राहु (☉︎ ☊)
  • सूर्य वर्ग केतु (☉︎ ☋)
  • सूर्य वर्ग लिलिथ (☉︎ ⚸)
  • चंद्र वर्ग लग्न (☽ A)
  • बुध वर्ग लग्न (☿ A)
  • शुक्र वर्ग लिलिथ (♀ ⚸)
  • मंगल वर्ग राहु (♂ ☊)
  • मंगल वर्ग केतु (♂ ☋)
  • मंगल वर्ग लिलिथ (♂ ⚸)
  • गुरु वर्ग राहु (♃ ☊)
  • गुरु वर्ग केतु (♃ ☋)
  • गुरु वर्ग लिलिथ (♃ ⚸)
  • यूरेनस वर्ग लग्न (♅ A)
  • यूरेनस वर्ग राहु (♅ ☊)
  • प्लूटो वर्ग राहु (♇ ☊)
  • प्लूटो वर्ग केतु (♇ ☋)
  • प्लूटो वर्ग लिलिथ (♇ ⚸)
  • राहु वर्ग केतु (☊ ☋)
  • राहु वर्ग लिलिथ (☊ ⚸)
  • केतु वर्ग लिलिथ (☋ ⚸)

आज का ज्योतिषीय विचार

“भाग्य वही खिलता है जो कर्म और ग्रहों के संतुलन से पोषित हो।”

— ऋषि अंगिरस

ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति का महत्व

किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली (Janam Kundali) उसकी जन्मतिथि, समय और स्थान के आधार पर ग्रहों की स्थिति का एक चित्रमय प्रतिनिधित्व है। यह कुंडली व्यक्ति के भाग्य, व्यक्तित्व और जीवन पथ को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दस्तावेज है।

ग्रहों की स्थिति हमें बताती है कि ग्रह अपनी कक्षा में किस अंश, मिनट और सेकंड पर चल रहे हैं, और वे एक-दूसरे से किस प्रकार संबंध बना रहे हैं। ग्रहों की सही स्थिति का निर्धारण करके ही सटीक ज्योतिषीय भविष्यवाणियां की जा सकती हैं।

ग्रहों की अवस्थाएं और उनका प्रभाव

जिस प्रकार मनुष्य के जीवन में बचपन, जवानी और बुढ़ापा होता है, उसी तरह ग्रहों की भी अपनी अवस्थाएं होती हैं, जो उनकी शक्ति को निर्धारित करती हैं। महर्षि पराशर के अनुसार, ये अवस्थाएं हैं:


ग्रहों का गोचर और जीवन पर उनका प्रभाव

ग्रहों का गोचर या उनकी चाल हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव डालती है। आपकी जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनकी वर्तमान चाल (गोचर) को मिलाकर यह समझा जा सकता है कि वे आपके जीवन को कैसे प्रभावित कर रहे हैं।


ग्रहों की दृष्टि और उनकी नीच/उच्च राशियाँ

वैदिक ज्योतिष में, ग्रहों की दृष्टि और उनका राशियों में स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है।

धार्मिक दृष्टि से ग्रहों का महत्व

भारतीय संस्कृति में, ग्रहों को देवता के रूप में पूजा जाता है। नवग्रह (Navagraha) मंदिरों में इनकी पूजा होती है ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

ग्रहों की सही स्थिति को जानकर आप अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रह सकते हैं।