आज का पंचांग: तिथि, नक्षत्र और शुभ मुहूर्त का महत्व

क्या आप जानना चाहते हैं कि आज का दिन आपके लिए कितना शुभ है? आज का पंचांग (दैनिक पंचांग) आपको दैनिक जीवन के सभी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय पहलुओं की जानकारी देता है। यह हिंदू कैलेंडर हमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण जैसी पांच प्रमुख चीजों के बारे में बताता है, जिससे हम अपने धार्मिक, सामाजिक और व्यक्तिगत कार्यों के लिए सबसे शुभ समय का चुनाव कर सकें।

गुरुवार, नवंबर 06, 2025

आज का पंचांग

तिथि
प्रतिपदा - 14:56:47 तक
नक्षत्र
कृत्तिका - नवंबर 7, 2025

को 03:28:47 बजे

"27:28:47 तक
करण
कौलव - 14:56:47 तक, तैतिल - नवंबर 7, 2025

को 01:00:51 बजे

"25:00:51 तक
पक्ष
कृष्ण
योग
व्यतीपात - 07:04:51 तक, वरियान - नवंबर 7, 2025

को 02:41:30 बजे

"26:41:30 तक
वार
गुरूवार

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ

सूर्योदय
06:36:21
सूर्यास्त
17:32:46
चन्द्र राशि
मेष - 11:47:57 तक
चन्द्रोदय
17:59:00
चन्द्रास्त
07:18:59
ऋतु
हेमंत

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत
1947   विश्वावसु
विक्रम सम्वत
2082
काली सम्वत
5126
प्रविष्टे / गत्ते
21
मास पूर्णिमांत
मार्गशीर्ष
मास अमांत
कार्तिक
दिन काल
10:56:24

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

दुष्टमुहूर्त
10:15:10 से 10:58:56 तक, 14:37:44 से 15:21:30 तक
कुलिक
10:15:10 से 10:58:56 तक
कंटक
14:37:44 से 15:21:30 तक
राहु काल
13:26:37 से 14:48:40 तक
कालवेला / अर्द्धयाम
16:05:15 से 16:49:01 तक
यमघण्ट
07:20:07 से 08:03:53 तक
यमगण्ड
06:36:21 से 07:58:25 तक
गुलिक काल
09:20:28 से 10:42:31 तक

शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत
11:42:41 से 12:26:27 तक

दिशा शूल

दिशा शूल
दक्षिण

चन्द्रबल और ताराबल

ताराबल
भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ
ग्रह राशि रेखांश नक्षत्र पद
सूर्य तुला 19-39-42 स्वाती 4
चंद्र मेष 26-40-53 कृतिका 1
मंगल वृश्चिक 06-53-21 अनुराधा 2
बुध वृश्चिक 11-42-52 अनुराधा 3
गुरू कर्क 00-49-23 पुनर्वसु 4
शुक्र तुला 04-40-04 चित्रा 4
शनि मीन 01-20-50 पूर्वाभाद्रपद 4
राहु कुंभ 20-54-31 पूर्वाभाद्रपद 1
केतु सिंह 20-54-31 पू0फाल्गुनी 3
यूरे वृषभ 05-54-16 कृतिका 3
नेप मीन 05-24-47 उ0भाद्रपद 1
प्लू मकर 07-04-57 उ0षाढा 4

आज का ज्योतिषीय विचार

“भाग्य वही खिलता है जो कर्म और ग्रहों के संतुलन से पोषित हो।”

— ऋषि अंगिरस

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले पंचांग देखना एक प्राचीन परंपरा है। यह न सिर्फ एक कैलेंडर है, बल्कि ज्योतिषीय गणनाओं का एक संग्रह है जो हमें समय की प्रकृति और ऊर्जा के बारे में बताता है। पंचांग शब्द पांच अंगों से मिलकर बना है, जो समय के पांच प्रमुख घटकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।


पंचांग के पांच मुख्य अंग

पंचांग में मुख्य रूप से इन पांच घटकों का विस्तृत विवरण होता है:


दैनिक जीवन में पंचांग का महत्व

पंचांग का उपयोग सिर्फ धार्मिक कार्यों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन में भी बहुत उपयोगी है।

आज के डिजिटल युग में, आप आसानी से ऑनलाइन आज का पंचांग देख सकते हैं और अपने दिन की योजना ग्रहों की स्थिति के अनुसार बना सकते हैं।