बाबा गंगाराम आरती

बाबा गंगाराम आरती

॥ बाबा गंगाराम आरती ॥

जय हो गंगाराम बाबा जय हो गंगाराम।

कष्ट निवारण मंगल दायक हो सब सुख के धाम॥

जय हो गंगाराम बाबा...॥

सच्चे मन से ध्यान धरे जो उनके सारो काम।

धन-वैभव वह सब सुख पाता जाने जगत तमाम॥

जय हो गंगाराम बाबा...॥

प्रातःकाल थारी करां वन्दना लेकर थारो नाम।

चन्दन पुष्प चढ़ावा थारे और करां प्रणाम॥

जय हो गंगाराम बाबा...॥

रोग शोक काटो थे सबका बसो झुंझनू धाम।

आ मन्दिर जो दर्शन करसी पासी सुख सन्तान।

जय हो गंगाराम बाबा...॥

देवलोक में आप विराजो सारे जग में हो महान।

जो कोई सुमिरण करे आपका हो निश्चय कल्याण॥

जय हो गंगाराम बाबा...॥

श्रद्धा भाव जो मन में राखे धरे आपका ध्यान।

उसकी रक्षा आप करो नित हो करुणा के धाम।

जय हो गंगाराम बाबा...॥

म्हें हां बालक थारा बाबा म्हानै नही कुछ ज्ञान।

हाथ जोड़कर विनती करां म्हें हां भोला नादान॥

जय हो गंगाराम बाबा...॥

सुख सम्पत्ति के देने वाले सदा करो कल्याण।

भूल-चूक म्हारी माफ करो थे देव बड़े बलवान॥

जय हो गंगाराम बाबा...॥

आज का ज्योतिषीय विचार

“कर्म और ग्रह दोनों जीवन को गढ़ते हैं।”

— पंडित जगन्नाथ